इतना काम करो की तुम सुखी हो अथवा दुखी, इस ओर तुम्हारा ध्यान भी नजाए | काम स्वयम ही आनंद की स्थिति है, पर इसके लिए तुम्हे आपको पूर्ण रूप से घुला देना पड़ेगा | इस जीवन का सच्चा सुख है -येसे उद्देश में जिसे तुम स्वयम ही महान समझते हो काम आ जाना | अपने ब्यक्तिगत कामो से कुछ समय निकाल कर उसे परोपकार में लगा देना | समाज की भलाई का उत्तरदायित्व भी तुम्हारे उपर उतनाही है जितना तुम अपने शरीर के प्रति कर्तब्यो का पालन करते हो | तुम्हारा हित भी सब के हित में ही सन्निहित है और उसे सबकी भलाई के साथ ही प्राप्त करना है | कही तुम में स्वार्थ की भाव नआजाये तो अपने भौतिक सुखों के पीछे अपनीही छाया की तरह चीपटे रहो | तुम्हे सब की, सब के कल्याण के लिए पैदा किया गया है , अथ यह आवश्क भी है की तुम अपना अस्तित्व समाजोत्थान के लिए काम करते करते घुला दो | एक कर्मठ शक्ति बनकर जीना अच्छा है, बजाय इसके की तुम रोग और स्वार्थ से ग्रसित तथा छुद्रपिडा सहते हुवे रोते फिरो की दुनियां तुम्हे सुखी बनाने की ओर कुछ ध्यान नहीं देती | अपनी माँग पेश करने के बजाये यह अच्छा है की तुम शान ओर साहस के साथ सब के लिए जियो | संसार की भलाई में ही जिस दिन पूर्ण ब्यस्त हो जाओगे, उस दिन संसार तुम्हारे सारे सुख लौटा देगा | __जार्ज बर्नार्ड शाव
No comments:
Post a Comment